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बातें कोरी बातें नहीं होती। उससे जुड़े होते हैं कई एहसास। तेरी मेरी बात में लाइव हिंदुस्तान की चीफ़ कंटेंट क्रिएटर और आपकी होस्ट पूनम जैन करेंगीं खूब सारी बातें, उन आदतों और बेचैनियों की, जो हमें अटकाती हैं, आगे बढ़ने से रोकती हैं। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन।
- 61 - बदलाव प्रकृति का नियम है
बदलाव ही ऐसी चीज़ है जो हमेशा हमारे साथ रहती है | ऐसे में हमे खुदको हर बदलाव के लिए तैयार रखना चाहिए | बदलाव होने पर हमें गुस्सा आता है, क्योंकि हम चाहते हैं कि चीजें हमारे मनमुताबिक हों। हम चीजों को किसी और तरह से होते हुए देखना चाहते थे। बदलावों के बीच अपना फोकस बनाए रखने का एक तरीका है माइंडफुलनेस का अभ्यास। आज तेरी मेरी बात पर इसी पर बात |
Sat, 18 Sep 2021 - 06min - 60 - अपने काम से खुश रहना सीखें
अपने काम से नाखुश बने रहना, हमें कहीं नहीं ले जाता। काम हो या फिर काम का माहौल, अगर पसंद नहीं है, तो उसे बदलने की कोशिश कीजिए। और, जब तक नहीं बदल पा रहे, तब तक जो भी काम है, उसे खुशी से ही कीजिए। यह सच है कि कामकाजी दुनिया में कई तरह की उठा-पटक होती हैं, पर दिक्कतें तो हर जगह होती हैं। इसलिए नाखुश हैं, तो अपने काम से जुड़ी कुछ बातो ंपर भी काम करिए। अपने काम से खुश रहना है तो क्या करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
Sat, 7 Aug 2021 - 07min - 59 - ना मन छोटा करें ना दिल खोटा
हम सब इस समय एक साझे दुख से जुड़े हुए हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों र्की। हर घर की अलग कहानी है। किसी का दुख छोटा या झूठ नहीं है। पर, हर समय दुखी रहकर जो है, उसे तो खोया नहीं जा सकता। बहुत कुछ है, जो हमारे हाथ में है। हमारा दुख एक है तो सुख भी। डर सच है तो हमारी हिम्मत भी। अपनी सोच से कहीं ज्यादा, हम अपनी और दूसरो की मदद कर सकते हैं, कैसे तेरी मेरी बात में इसी पर बात |
Mon, 2 Aug 2021 - 06min - 58 - मन जब कर रहा हो बहुत ज्यादा तंग
मन जब बहुत दौड़ता है तो हमें दौड़ाने लगता है। कई दफा इतना दौड़ा देता है कि कुछ और करने की ऊर्जा ही नहीं बचती। बिना किसी सिर पैर के किसी भी तरफ भागने लगता है। ना कोई काबू, ना कुछ सही-गलत, हम बस बेकार की ऊट-पटांग बातें सोचते रहते हैं। सब तो टोकते ही हैं, हमें भी लगता है कि दिमाग को थोड़ा रिलैक्स करने की जरूरत है। मन को शांत करने के लिए हम क्या कर सकते हैं, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
Fri, 23 Jul 2021 - 07min - 57 - दिन को थोड़ा आसान बनाएं
कई बार तन और मन इतने थक जाते हैं कि हम सीधे-सादे से एक आसान दिन की चाह से भर उठते हैं। रोज की उठा-पटक और हर समय काम ही काम पर हम चौबीस घंटे दौड़ तो नहीं सकते। हमें अपने तनाव को कम करना आना ही चाहिए। और यह नामुमकिन भी नहीं है। कुछ बातों को अमल में लाकर हम वाकई अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं। तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, 16 Jul 2021 - 07min - 56 - आइए खुद को फिर से रीइेंवेंट करते हैं
आए दिन हम किसी न किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं- इतनी भागदौड़, मेहनत और स्ट्रेस का सामना करके हम खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। क्या यह सोचने की बात नहीं है कि कहीं हमें खुद को बदलने की जरूरत तो नहीं? कई बार खुद में छोटे-छोटे बदलाव जिंदगी को बदल देते हैं और जब सब कुछ बदलता है तो प्रकृति की छोटी से छोटी रचना भी अपना रूप बदलती है, तो हम एक से क्यूं रहें! खुद को कैसे रीइेंवेंट करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
Tue, 13 Jul 2021 - 06min - 55 - अपना ध्यान तो रखना ही होगा
दिमाग को रिलैक्स करने का सबसे सही समय वही होता है, जब वह स्ट्रेस्ड होता है, अशांत होता है। हमें अपना ध्यान भी उसी समय सबसे ज्यादा रखने की जरूरत होती है, जब हमें लगता है जिंदगी में सुकून के लिए समय कहां है? तनाव के कई कारण हो सकते हैं, पर तनाव बढ़ जाता है, जब हम अपनी देखभाल करना छोड़ देते हैं। कौन-सी बातें करेंगी आपके तनाव को कम, आइए जानें
Fri, 2 Jul 2021 - 07min - 54 - जब पीड़ा की हो कई परतें
बात जब अपनी या अपनों की हो, तो हम कोई कसर नहीं छोड़ते। पर कई बार हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर पाते। कभी चीजें बूते से बाहर होती हैं, तो कई बार सब कुछ होने पर भी हाथ खाली रह जाते हैं। आप दुखी होते हैं, दूसरों को कोसते हैं। खुद को दोष देते रहतेे हैं, पर इससे दुख तो कम नहीं होता! मन को समझा लेना ही काफी नहीं होता, उसे ठीक से समझाना पड़ता है। अपने इमोशनल स्ट्रेस को कैसे डील करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।
Fri, 25 Jun 2021 - 06min - 53 - तनाव को खुशी में बदलिए
तनाव, स्ट्रेस तन-मन दोनों को थका देता है। खून की तरह तनाव भी हमारी रग-रग में दौड़ता है। तनाव के कारण ही चेहरा तना-तना सा रहता है कुछ भी करने का जोश ठंडा पड़ने लगता है। एक से काम और एक-सी चिंताओं में हमारे चेहरे की हंसी गायब हो जाती है। अगर तनाव झेलते हुए लंबा समय हो गया है, तो जानिने , तनाव दूर करने वाले कुछ आसान उपायतेरी मेरी बात में इसी पर बात।
Fri, 16 Apr 2021 - 07min - 52 - जिएं जिंदगी का हर रंग
सुख के हजार रंग हैं तो दुख भी कई रंग हैं। रंग पक्के भी होते हैं और कच्चे भी। हर रंग सब पर एक सा नहीं खिलता, ना ही देर तक टिकता ही है। अंधेरे में जो तस्वीर दिखती है, असल में कुछ और ही होती है। हमारी उम्मीदें, हर रंग को बदल देती हैं। असली रंग प्यार और भरोसे की रोशनी में चमकते हैं। होली के मौके पर जिं़दगी में खुशियों के रंग कैसे लाएं, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, 26 Mar 2021 - 06min - 51 - 51: इतना खराब भी नहीं है गुस्साFri, 12 Mar 2021 - 06min
- 50 - 50: कैसे बनाएं माइंड को फ्लैक्सिबलFri, 12 Mar 2021 - 06min
- 49 - 49: आगे बढ़ने से लगता है डर!तरक्की की ओर कदम बढ़ाना हर एक के लिए आसान नहीं होता। कई बार सब कुछ परफेक्ट होता है। पर आगे कदम बढ़ने के लिए जो हिम्मत चाहिए, हम नहीं जुटा पाते। पर, हम जहां हैं, वहां भी हमेशा बने नहीं रह सकते! हम या तो आगे बढ़ सकते हैं या फिर पीछे छूट जाते हैं। आगे बढ़ने पर डर लगता है तो क्या करना चाहिए, इसी पर आज की तेरी-मेरी बात।Fri, 26 Feb 2021
- 48 - 48: आप भी हैं बड़े दिलवालेहम दूसरों के बारे में सब कुछ नहीं जानते। कोई किस चिंता से जूझ रहा है, हमें नहीं मालूम। दूसरों से किसी तरह की सख्ती करते समय हमें उन्हें थोड़ी छूट जरूर देनी चाहिए। उनकी कोई मजबूरी हो सकती है... बेनिफिट ऑफ डाउट देना चाहिए। हमारी छोटी सी मुस्कान, अपनेपन का स्पर्श, मदद के हाथ, दूसरों की सुन लेने वाले कान, कई छोटी-छोटी बातें हैं, जो हमें बड़े दिलवाला बना देती हैं। तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बातFri, 19 Feb 2021
- 47 - 47: जब हर कोई हो बहुत बिजीFri, 12 Feb 2021
- 46 - 46: समझौता करना बुरा नहींसमझौता यानी मजबूरी का नाम। हममें से ज्यादातर यही सोचते हैं। कंप्रोमाइज करने के लिए हम आसानी से तैयार नहीं होते। मन में गुस्सा और कड़वाहट रहती है। हम बुरा महसूस करते हैं। पर क्या समझौतों के बगैर जिंदगी संभव है? कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद के साथ या फिर दूसरों से तालमेल बिठाने की हर जरूरी कोशिश को हम समझौते के चश्मे से देखने लगे हैं। समझौता करना हमेशा बुरा नहीं होता इसी पर आज की तेरी-मेरी बात|Fri, 05 Feb 2021
- 45 - 45: लोग क्या कहेंगे!Fri, 29 Jan 2021
- 44 - 44: काम करने का हाइकु तरीका (हाइकु प्रोडक्टिविटी)दुनिया में देखने-समझने और करने के लिए बहुत कुछ है। हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर सकते। हम सबकी लिमिट्स होती हैं। पर, लिमिट्स हमेशा रोकती नहीं हैं। समस्या सीमाएं होने से नहीं, उन्हें न जानने से होती हैं। हाइकु कविता की तरह लिमिट्स में हम बहुत कुछ बढि़या रच सकते हैं। तेरी-मेरी बात में आज करेंगे हाइकु प्रोडक्टिविटी पर बात |Fri, 22 Jan 2021
- 43 - 43: इन जरूरतों में भी कीजिए कमीFri, 15 Jan 2021
- 42 - 42: धुंध भी हटेगी और धूप भी खिलेगीज्यादातर के लिए नया साल पुराना हो चुका है। हर साल एक दूसरे को न्यू ईयर विश करने की रस्म होती है, जो निभाई जा चुकी है। बाकी क्या बदला? हम पुराना ही खोजते रहे। पुराने पर अटके रहे। पुराने होते गए। पर बीते सालों की धुंध हटेगी तो नए साल की धूप का स्वागत कर पाएंगे! नयापन महसूस हो तो कैसे? इसी पर आज की तेरी-मेरी बात।
Fri, 08 Jan 2021 - 41 - 41: आप भी हो जाएं 20 से 21Fri, 01 Jan 2021
- 40 - 40: ये दिन भी जाएंगे गुज़रयह साल लोगों के लिए हैरान-परेशान करने वाला रहा। सब यही चाह रहे हैं कि बस, अब जल्द सब पहले की तरह हो जाए। साल के बचे दिन शांति से गुज़र जाएं। पर चाहने और होने में अंतर होता है। हमें अभी अपना और अपनों का ध्यान आगे भी रखना है। कमजोर हो चुके भरोसे को फिर से मजबूत करना है। कैसे बढ़ाएं नए साल की ओर कदम, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात।Fri, 25 Dec 2020
- 39 - 39: जल्दी समझ लें ये बातजीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हम भले ही हर हालात पर काबू नहीं पा सकते, पर अपनी सोच जरूर बदल सकते हैं। हमारा नजरिया ही है, जो हमारी जीवन यात्रा को आसान बनाता है। कुछ बातें हैं, जिन्हें अपनाने से, कठिन हालात में खड़े होने का हौसला मिलता है। ऐसी बातें जो जब समझ आ जाएं, तब अच्छा, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बातFri, 18 Dec 2020
- 38 - 38: अपनी सुबह को दें ध्यान की ताजगीरात के बाद सुबह आती ही है और सुबह उजली ही अच्छी लगती है। दुख और तनाव के क्षण कई बार इतने लंबे हो जाते हैं कि यही पता नहीं चल पाता कि अब सुबह हो गई है। सुबह की ओर लौटना खुद की ओर लौटना भी होता हैै। कई छोटे-छोटे तरीके हैंं, जो आपकी सुबह को ध्यान और ताजगी भरा बना सकते हैं। अपनी सुबह को कैसे उजली बनाएं तेरी मेरी बात में इसी पर बातFri, 11 Dec 2020
- 37 - 37: मन की भी सफाई करते रहिएFri, 04 Dec 2020
- 36 - 36: दिल से मनाएं दिवालीदीवाली खुशहाली का त्योहार है। इस दिन हम धन, धान और ध्यान तीनों को ही पूजते हैं। हमारे धर्म और दर्शन धन को बुरा नहीं मानते, पर उसे सब कुछ भी नहीं मानते। हमारी जेब भले हल्की हो, पर यह भरोसा होना चाहिए कि हमारी मेहनत की कमाई खूब बरकत देगी। हमारा खर्च किया धन जिसके पास जाएगा, उसके चेहरे की खुशी बनकर चमकेगा। और उस रोशनी से बढ़कर क्या होगा, जिसमें सबकी खुशी शामिल हो। आप भी कम धनवान नहीं, तेरी मेरी बात में इसी पर बातFri, 13 Nov 2020
- 35 - 35: इतनी रद्दी ! ना बाबा नात्योहार के दिन पास हैं। साफ-सफाई और ख़रीदारी का ढेर सारा काम भी करना है। इसी से जुड़ी एक बात है। हम नया सामान जोड़ते रहते हैं और पुराने का ढेर लगता रहता है। हम सामान ना खुद इस्तेेमाल करते हैं और ना उसे दूसरों के लायक छोड़ते हैं। बहुत सारी रद्दी यानी सामान की बर्बादी और हमारी सोच की गरीबी। फिर, सामान तो सामान होता है, रद्दी उसे हम बना देते हैं। चीजों को रद्दी करती हमारी सोच पर ही आज की तेरी-मेरी बातFri, 06 Nov 2020
- 34 - 34: त्योहार पास, ना रखें मन उदासकोविड-19 से थम गई जिंदगी की रफ्तार फिर से चलने लगी है। अब तो त्योहार भी शुरू हो गए हैं। धीरे-धीरे ही सही, सब वापस अपनी दुनिया में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। पर, कई लोग हैं जो अभी भी अटके हुए हैं। क्यों आप हर समय बुझे हुए रहते हैं? थोड़ा अपने मन को ठीक करिए ना। त्योहार पास, ना रखें मन उदास, तेरी मेरी बात में इसी पर बातFri, 30 Oct 2020
- 33 - 33: शक्ति तेरे हाथ अनेक। Optimism । Self-introspectionजन्म से हमें दो हाथ मिले हैं। पर हम जितना ख़ुद को ‘इवॉल्व’ करते हैं, सुख-समृद्धि के कई हाथ उठ खड़े होते हैं। हम तन के साथ मन से जुड़ते हैं। भीतर की शक्ति की उंगली थामे हम धीरे-धीरे अपूर्ण से पूर्ण होने लगते हैं। माँ दुर्गा की तरह हमारी शक्ति के भी कई हाथ होते हैं। हमें अपने और हाथों को भी विकसित करना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बातFri, 23 Oct 2020
- 32 - 32: कामयाबी क़रीब है। Uplifting । Motivationसफलता के मायने सबके लिए एक नहीं होते। किसी के पास काम नहीं है, यदि काम है तो वह उससे ख़ुश नहीं है। किसी को हमेशा काम छूटने का डर सताता रहता है। कोविड-19 ने इन संकटों को और बढ़ा दिया है। हम हर कार्य को सफलता की मंज़िल तक पहुँचा सकते हैं, शर्त ये कि काम के प्रति हम अपनी सोच बदलने में कामयाब हो जाएँ। करियर में कैसे पाएंँ सफलता, तेरी मेरी बात में इसी पर बात।Fri, 16 Oct 2020
- 31 - 31: थोड़ा काम तो खुद पर भी करिए | Independent | Self-improvementझटका लगा नहीं कि अटक गए। कभी हालात के तो कभी दूसरों की गलत मंशा के झटके तो लगते ही रहते हैं। पर कई दफा हम इसलिए रुके रह जाते हैं कि आगे के रास्ते की तैयारी नहीं करते। हमें आगे बढ़ना है तो लगातार खुद पर काम भी करना होगा। और बेहतरी के लिए बदलाव का ये काम किसी हड़बड़ी में नहीं, हर दिन धीरे-धीरे करना होगा। थोड़ा काम हम खुद पर भी करें, तेरी-मेरी बात में इसी पर बातSat, 10 Oct 2020
- 30 - 30: कल्पनाएं कीजिए तो सही | Mindset | Positivityबाहर की दुनिया की सीमाएं हैं, पर भीतर की नहीं। तर्क यानी लॉजिक्स हमें तय दूरी तक ले जाते हैं, पर कल्पनाएं कहीं भी ले जाती हैं। हमारे सपने, हमारी सोच की उंगली पकड़कर ही सच की सांसें ले पाते हैं। हम सब कल्पनाएं करते हैं, कल्पनाओं के घोड़े सबके दौड़ते हैं, पर उन्हें देर तक सब नहीं दौड़ा पाते। सोच के रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी तो होते हैं। कल्पनाओं के रास्ते में रुकावटों के किलों को हटाएं, इसी पर तेरी-मेरी बातSat, 26 Sep 2020
- 29 - 29: ज्यादा न सोचिए, कुछ करिएहम सब चीजों को अपने काबू में करना चाहते हैं और, सब चीजें हमारे काबू में कभी नहीं होतीं। हमें चुनौतियों से पार पाने की कोशिश करनी चाहिए।
पर, चुनौतियां आएं ही नहीं या नतीजे मन मुताबिक ही हों, यह जिद और बेचैनी हमें बीमार कर देती है। हमें कुछ नहीं करने देती। एक ही चिंता में अटकाए रखती है।
सोचें नहीं तो कया करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात |Fri, 18 Sep 2020 - 28 - 28: प्रकृति के चहेते बनिए | Positivity | Mind-set | Life Lessonशांति, प्रेम, सहयोग, संघर्ष और बदलाव के जितने रंग हमारे जीवन में हैं, उसे कहीं अधिक रंग हमारे इस प्रकृति में हैं। प्रकृति अपने चहेतों को बहुत कुछ दे देती है। कुछ होने या न होने के किसी भी गुमान को प्रकृति से बेहतर कोई समझ और समझा नहीं सकता। कैसे जिएं प्रकृति को, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात | आज की बात में हम सीधा प्रकृति के पास ही चलते हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए|Fri, 11 Sep 2020
- 27 - 27: इतने भी कमजोर नहीं आप?समस्या देखते ही हम घबरा उठते हैं। हमें लगता है कि हम मजबूती से इसका सामना नहीं कर पाएंगे। हम सोच ही नहीं पाते कि कभी अपने दुख से बाहर भी आ सकेंगे। हम अतियों में जीते हैं। छोटी सी बात पर बहुत खुश तो कभी बहुत दुखी। कभी खुद को ज्यादा ही मजबूत मान लेते हैं, तो कभी थोड़ा सा भी भरोसा नहीं रख पाते। कमजोर नहीं हैं आप, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बातFri, 04 Sep 2020
- 26 - 26: खूबसूरती से पकड़ें संजीदगी से छोड़ें |Mindset| Life Lesson | Self-Reflection |हममें और कुदरत में एक अंतर है। हम पकड़ तो लेते हैं, पर उसी सहजता से छोड़ नहीं पाते। घर-ऑफिस के रिश्ते हों, पद -प्रतिष्ठा हो, वस्तुएं या विचार हों, अपने कदमों को पीछे करना मुश्किल ही होता है। एक बार चीज आकार लेती है, तो उससे अलग होने का काउंटडाउन भी शुरू हो जाता है। जीवन में पकड़ना और छोड़ना दोनों ही सुंदर होने चाहिए, तेरी मेरी बात में इसी पर बात |Fri, 28 Aug 2020
- 25 - 25: कहें अपना सच | Life Lesson | Self-Reflection | UnderstandingFri, 21 Aug 2020
- 24 - 24: अपनी अपनी आजादी | Life Lessons | Mindset | Positivityमेरी मर्जी, मेरी आजादी,.. . यही कहते हैं ना। क्या मतलब होता है इसका। मैं चाहे ये करूं, मै चाहे वो करूं। नहीं, मेरी आजादी का मतलब दादागीरी कतई नहीं है। मेरी आजादी का मतलब दूसरे की आजादी में दखल देना नहीं हैं। किसी के आगे अड़ जाना या किसी को मजबूर कर देना, ये तो आजादी नहीं हुई. . . तेरी मेरी बात में आज इसी पर बातFri, 14 Aug 2020
- 23 - 23: बैठे ना रह जाएं | Life Lessons | HealthSat, 08 Aug 2020
- 22 - 22: वाह क्या बात है! या फिर खुलकर तारीफ करिए | Life Lesson | Mindset | PositivityFri, 31 Jul 2020
- 21 - 21: क्या मस्त रहने के लिए व्यस्त रहना ज़रूरी है ? Life Lesson I UnderstandingFri, 24 Jul 2020
- 20 - 20: सोच भी बढ़ाती है हमारी इम्युनिटी I Life Lesson I Understanding I HealthFri, 17 Jul 2020
- 19 - 19: कहीं आप उल्टा तो नहीं सोचते? Life Lessons | Self-reflection | PerspectiveSat, 11 Jul 2020
- 18 - 18: क्या आपके हार्मोन्स खुश रहते हैं? | Moods | Relaxation | HormonesFri, 03 Jul 2020
- 17 - 17: सबके लिए करुणा | Understanding | Equality | Selective EmpathyFri, 26 Jun 2020
- 16 - 16: आओ योग करें | International Day of Yoga | Health and FitnessFri, 19 Jun 2020
- 15 - 15: निंदिया आ जा री आ जा... | Sleep problems | Simple Solutions | MeditationFri, 12 Jun 2020
- 14 - 14: जिओ अपनी प्रकृति | Nature | Personality | Self-loveFri, 05 Jun 2020
- 13 - 13: इस जागने से क्या हासिल? Lifestyle | Mindset | PositivityFri, 29 May 2020
- 12 - 12: मन को कैसे रखें शांत? | Mood management | Meditation | RelaxationFri, 22 May 2020
- 11 - 11: मदद मांगने का सही सलीका | Confidence | Asking for help | AcceptanceFri, 15 May 2020
- 10 - 10: सॉल्यूशन जब पता न हो | Life lesson | Solutions | HopeFri, 08 May 2020
- 9 - 9: काश! हम तब कुछ करते | Life lesson | Relationship | RegretFri, 01 May 2020
- 8 - 8: जो भी होगा, देखा जायेगा | Survival instinct | Life planning | Uncertainty in lifeFri, 24 Apr 2020
- 7 - 7: मैं क्यों सबकी परवाह करूं? | Carelessness | Negative Attitude | Helping handFri, 17 Apr 2020
- 6 - 6: ज्ञान न दो प्लीज! | Free advice | Unwanted suggestions | Life lessonFri, 10 Apr 2020
- 5 - 5: बैठे बैठे बोर हुए, करना है कुछ काम? | Lockdown | Boredom | HobbiesFri, 03 Apr 2020
- 4 - 4: दूरियां भी है जरूरी | Social distancing | Coronavirus | Me timeFri, 27 Mar 2020
- 3 - 3: घबराने की कोई जरुरत नहीं | Coronavirus | Panic | LockdownFri, 20 Mar 2020
- 2 - 2: हीन भावना | Under-confident | Jealously | Inferiority complexFri, 13 Mar 2020
- 1 - 1: थोड़ा है, थोड़े की ज़रुरत है | Happiness | Adjustment | Life lessonMon, 09 Mar 2020
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